Sahiba mane taro re - साहिबा मने तारो रे

Sahiba mane taro re

साहिबा मने तारो रे 

( राग : मराठी फिल्म गीत ) 

सुखनी मांटे दोड मांडी , संसारनो लीधो भारो ( 2 ) . . . . 
दुःख विना कशुं ना मळ्यु रे , 
भरम तूट्यो छे मारो ( 2 ) . . . 
घोर अंधारे देखाय छे एक सितारो , 
मघमघतो मारग क्यारे पामुं हुं तारो , 
साहिबा मने तारो रे , मने संयम दइ उगारो ( 2 ) . . . 1 

चक्रवर्ती राजा पण जे मारगडा ने झंखे ( 2 ) 
सुख नथी जे शत खंडमां संयम माटे ने झंखे ( 2 ) , 
संयम छे समता सादगी प्रेमनो दरियो , 
भवसागर तरवो स्वयं जे प्रभुए तरीयो , 
साहिबा मने तारो रे , मने संयम दई उगारो ( 2 ) . . . 2 

इंद्रो पण जेणे पूजता , चारित्र ते पद छे ( 2 ) , 
त्याग छे वैराग्य छे पण आनंद ज्यां अनहद छे ( 2 ) 
जीवन ना तडके छांयो , संयमनो देजे , 
कर्मों सामे जंग करवा मारी साथे तुं रहेजे , 
साहिबा मने तारो रे , मने संयम दई उगारो ( 2 ) . . . 3

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